क्या आपने कभी अचानक से तेज़ डर और चिंता महसूस की है, सांस लेने में तकलीफ, गला घुटता सा लगना, और दिल की धड़कन तेज़ हो जाना? यह पैनिक अटैक हो सकता है, जो दिन में कभी भी बिना किसी चेतावनी के आ सकता है और इसके लक्षण अक्सर हार्ट अटैक से मिलते-जुलते होते हैं।

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पैनिक अटैक डरावने हो सकते हैं, लेकिन अच्छी बात यह है कि आप अकेले नहीं हैं। डॉक्टरों के अनुसार, हर 10 में से 1 वयस्क को हर साल पैनिक अटैक का सामना करना पड़ता है, और लगभग एक-तिहाई लोग अपने जीवन में कम से कम एक बार इसका अनुभव करते हैं। पैनिक या एंग्जायटी अटैक महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक आम हैं और यह व्यक्ति-विशेष के अनुसार अलग-अलग तरह से प्रकट होते हैं।

पैनिक अटैक के सामान्य लक्षण:

  • अचानक भय की लहर आना
  • किसी नकारात्मक घटना का आभास होना, जैसे किसी प्रियजन को खो देने का डर
  • सांस लेने में तकलीफ और गले में जकड़न
  • चक्कर आना या सिर हल्का लगना
  • मतली और पेट में असहजता
  • हाथ-पैरों में झुनझुनाहट
  • अचानक गर्मी या ठंड लगना
  • कमरे या घर से भाग जाने की तीव्र इच्छा

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पैनिक अटैक के कारण क्या हैं?

पैनिक अटैक के पीछे कई कारण हो सकते हैं, और इन कारणों को समझना इसके इलाज के लिए बहुत जरूरी है।

जैविक कारण:

भले ही यह अजीब लगे, लेकिन आनुवंशिकता पैनिक अटैक को ट्रिगर कर सकती है। मस्तिष्क की संरचना, उसकी कार्यप्रणाली में असामान्यता और सेरोटोनिन या नॉरएड्रेनालाईन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर का असंतुलन व्यक्ति को पैनिक अटैक के प्रति संवेदनशील बना सकता है। यदि आपके परिवार में किसी को पैनिक अटैक होते हैं, तो अपने डॉक्टर से ज़रूर बात करें।

व्यक्तिगत आघात:

किसी प्रियजन को खोना, भावनात्मक ब्रेकअप, नौकरी का दबाव, या तलाक जैसे तनावपूर्ण अनुभव पैनिक अटैक का कारण बन सकते हैं। यह आमतौर पर उन लोगों में अधिक देखा जाता है जो पहले से ही किसी डर या ट्रॉमा से जूझ रहे होते हैं।

चिंता की संवेदनशीलता:

कुछ लोग आसानी से चिंता को संभाल लेते हैं, लेकिन कुछ लोगों में थोड़े से दबाव से भी पैनिक अटैक हो सकता है। जब चिंता का स्तर बढ़ता है, तो यह ऊपर बताए गए शारीरिक लक्षणों के रूप में सामने आ सकता है।

पैनिक अटैक से कैसे निपटें?

पैनिक अटैक बहुत डरावने और असहज होते हैं, लेकिन इनसे निपटा जा सकता है। इसके लिए सेल्फ-केयर, थेरेपी और कुछ मामलों में दवाओं की मदद ली जा सकती है।

प्राणायाम:

गहरी सांस लेने की तकनीकों यानी प्राणायाम का अभ्यास करें। सांस पर नियंत्रण रखने से शरीर की मांसपेशियों में गहरी शांति आती है और चिंता कम होती है। माइंडफुलनेस का अभ्यास करने की आदत डालें ताकि पैनिक अटैक से बचा जा सके।

जीवनशैली में बदलाव:

संतुलित आहार लें, रोज़ कम से कम 30 मिनट टहलें या वर्कआउट करें। अत्यधिक कैफीन, शराब और धूम्रपान से बचें क्योंकि ये लक्षणों को बढ़ा सकते हैं।

सपोर्ट नेटवर्क बनाएं:

अपने करीबी लोगों से मदद लें। उनसे अपने डर साझा करें ताकि वे समझ सकें और आपको मार्गदर्शन दे सकें। ज़रूरत हो तो किसी थेरेपिस्ट से मिलें और चुनौतियों का सामना करने के तरीके सीखें।

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निष्कर्ष:

पैनिक अटैक बेहद डरावने और तनावपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन सही रणनीतियों को अपनाकर इनसे बचा जा सकता है। यदि ये बार-बार हो रहे हैं, तो किसी मनोचिकित्सक या थेरेपिस्ट से मदद लें ताकि आप एक संतुलित और खुशहाल जीवन जी सकें।

(इस लेख की समीक्षा कल्याणी कृष्णा, मुख्य सामग्री संपादक द्वारा की गई है)

लेखक की प्रोफ़ाइल: प्रीति शर्मा

प्रीति शर्मा ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और मास कम्युनिकेशन में मास्टर डिग्री और फ्लोरिडा से शॉर्ट-टर्म राइटिंग में सर्टिफिकेशन प्राप्त किया है। करीब एक दशक के अनुभव के साथ, वह सौंदर्य, पशु चिकित्सा देखभाल और स्वस्थ खाना पकाने पर आकर्षक ब्लॉग बनाने में माहिर हैं। प्रीति वीडियो संपादन टूल में कुशल हैं और कई प्लेटफ़ॉर्म पर आकर्षक और जानकारीपूर्ण  लेख तैयार  करती हैं।